शिव तांडव स्तोत्रम् – मंत्र (Shiv Tandav Stotram)
॥ शिव तांडव स्तोत्र ॥ जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥1॥ अर्थ – जिन्होंने जटारुपी अटवी ( वन ) से निकलती हुई गंगा जी के गिरते हुए प्रवाहों से पवित्र किये गए गले में सर्पों की लटकती हुई विशाल माला को धारण कर डमरू के डम डम शब्दों … Read more