शिवपुरी : मानसून सत्र को दृष्टिगत रखते हुए बाढ़, आपदा नियंत्रण के संबंध में कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में गतदिवस जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर कलेक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला सहित एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने जिले के समस्त एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देश दिए कि बाढ़गस्त क्षेत्रों, तैराकों एवं गोताखोरों को चिन्हांकित करें। जिन क्षेत्रों में ज्यादा पानी भर जाता है, उन क्षेत्र के लोगों को विस्थापित करने हेतु राहत शिविरों के लिए स्थानों का चयन तथा पहुंच विहीन ग्रामों की सूची तैयार करें। इन ग्रामों की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न सुरक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि भदैया कुंड पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए जाए। भदैयाकुंड के गेट पर चेतावनी सूचक बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें। बाढ़ बचाव उपकरणों के साथ चिन्हित स्थलों पर गोताखोरों तथा तैराकों की ड्यूटी लगाई जाए। सिद्धेश्वर मंदिर के पीछे स्थित रामपुर दरवाजा के नाले पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की जाए। जिले के पर्यटक स्थलों पवा जलप्रपात, टुण्डा भरका, सुल्तानगढ़, चिन्हित स्थलों एवं रपटों पर वैरीकेटिंग की व्यवस्था की जाए। जिला स्तर पर ऐसे स्थल जहां नागरिक पर्यटकों की आवाजाही अधिक होती है, वहां विशेष सुरक्षा व्यवस्था एवं सुरक्षा उपकरणों के इंतजाम किए जाए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित रपटों, पुलियों पर जल स्तर मापक तथा ड्रापगेट लगाए जाए एवं मड़ीखेड़ा बांध के नीचे जहां पर गेट द्वारा पानी छोड़ा जाता है, उस जगह पर सड़क किनारे बैरीकेटिंग की जाए। जिससे कोई भी नागरिक पानी के बहाव में सेल्फी लेने या नहाने आदि हेतु नहीं जा सके। ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन की गोलियों का उपयोग ग्रामों में किया जाकर पर्याप्त दवाओं का भण्डार सुनिश्चित किया जाए। रेपिड रेस्पॉन्स टीम को भी दवाइयों की किट उपलब्ध कराई जाए। सभी तहसीलों में बाढ़ राहत कंट्रोल रूम की स्थापना कर 24 घण्टे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए।