हिचकी (हिक्का रोग) के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :-
पहला प्रयोगः गुड़ और सोंठ को पानी में मिलाकर उसकी कुछ बूँदे नाक में डालते रहने से एवं हरड़ के 1 से 3 ग्राम चूर्ण को फाँकने अथवा सोंठ और गुड़ की गोली (2-2 ग्राम गुड़ और सोंठ में आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर बनायें) को चूसने से तथा मरीज को बिना तकिये के सीधा सुलाकर उसकी नाभि से तीन अँगुल ऊपर अपने अँगूठे से दस सेकण्ड तक दबाने से हिचकी में राहत होती है।
दूसरा प्रयोगः शहद में मोर के पंख की भस्म मिलाकर चाटने से हिचकी बंद होती है।
तीसरा प्रयोगः हिचकी बन्द न हो रही हो तो पुदीने के पत्ते या नींबू चूसें।
हिचकी रोकने के कुछ अन्य उपाय :-
1. नींबू और शहद :-यदि हिचकी आती हो एक चम्मच नींबू का ताजा रस निकालें। अब इसमें एक चम्मच शहद डालें। दोनों को मिलाएं और चाट लें। ऐसा करने से हिचकी (Hiccups)बंद हो जाएगी
2. शक्कर और पुदीना :-हिचकी यदि बंद न हो रही हो तो यह खतरनाक भी हो सकती है इसलिए शक्कर के साथ पुदीने की पत्तियों को चबाकर सेवन करें।
3. काली मिर्च और मिश्री :-दो-तीन काली मिर्च थोडी सी चीनी या मिश्री का एक टुकडा मुंह में रखकर चबायें,और उसका रस चूंसते रहे,चाहे तो एक घूंट पानी पी सकते है,तत्काल हिचकी बन्द हो जायेगी
4. आंवला और मिश्री :-हिचकी में आंवला रस या आंवला मिश्री के साथ सेवन करने से आराम मिलता है।
5. टमाटर :-हिचकी आने पर तुरंत टमाटर को धो कर दांतों से काट कर खाएं हिचकी ठीक हो जाएगी।
6.सोंठ और गुड़ :-सोंठ का चूर्ण तथा पुराना गुड़ – दोनों को मिलाकर बार-बार सूंघने से भी हिचकी बंद हो जाती है
7. मक्खन और कालीमिर्च :-दो चम्मच मलाई या मक्खन जरा-सी कालीमिर्च के चूर्ण के साथ खाने से भी हिचकी रुक जाती है
8. 100 ग्राम देशी गाय का घी पिये एक ही बार में
निरोगी रहने हेतु महामन्त्र
मन्त्र 1 :-
• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें
• रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
• विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)
• वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
• एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)
• मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें
• भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें
मन्त्र 2 :-
• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
• भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
• सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
• ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
• पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
• बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूर्णतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें