अभ्यर्थी तैयारी की शुरुआत कर देते हैं, और पढ़ते जाते हैं। अनुशासित और निरंतरता के बावजूद कई बार अपेक्षित परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं। हमें कैसे पता चले कि हमारी तैयारी सही दिशा में चल रही है। इन्हीं तकनीकियों को जानने के लिए आज हमारे साथ हैं अनुभवी अध्यापक एवं संस्कृति IAS Coaching के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर श्री ए.के. अरुण सर। सर लम्बे समय से UPSC सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। दृष्टि IAS को छोड़ने के बाद से सर संस्कृति IAS में पढ़ा रहें हैं।
श्री ए.के. अरुण सर से प्रश्न था कि अभ्यर्थी कैसे पता करें कि उनकी तैयारी सही दिशा में चल रही या नहीं?
सर ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि तैयारी के क्रम में इस बात की भी जानकारी रहे कि उनकी तैयारी किस दिशा में है। चूँकि UPSC सिविल सेवा परीक्षा की गलत दिशा में की गई तैयारी अभ्यर्थी के दो से ढाई साल का नुकसान होता है। छोटी-छोटी कमियां सफलता से दूर कर देती हैं। अच्छा होगा हम अभी से उन कमियों को दूर कर लें।
बेहद आसान है यह जानना कि हमारी तैयारी की दिशा क्या है। अभ्यर्थी किसी विषय के किसी टॉपिक को पढ़ें फिर उसके बाद विगत वर्षों में आए प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें और अपने मित्रों से कहें संबंधित टॉपिक से वह आपसे प्रश्न पूछें। यदि आप प्रश्न हल कर पा रहे हैं और पूछे प्रश्नों का जबाव दे पा रहे हैं तो आपकी तैयारी सही दिशा में है। यदि इस प्रक्रिया में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो सुधार की आवश्यकता है।
ए.के. अरुण सर से अगला प्रश्न था कि अपनी तैयारी को सही दिशा कैसे दें?
सर ने बताया कि अध्ययन के क्रम में हमें तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. पहला परीक्षा का पाठ्यक्रम: हमें बताता है कि-
– किस प्रश्नपत्र में क्या पढ़ना है
– किन विषयों और टॉपिक्स को पढ़ना है
– कितना पढ़ना है और क्या छोड़ देना है
2. विगत वर्षों के प्रश्नपत्र: इनके माध्यम से-
– पाठ्यक्रम की सीमाएं पता चलती हैं
– पाठ्यक्रम के इतर क्या पढ़ना है
– विषयों के अध्ययन की प्राथमिकता तय होती है
– इसके माध्यम से अध्ययन की गुणवत्ता जाँच सकते हैं
– तैयारी को दिशा दे सकते हैं
3. अभ्यास प्रश्न:
– इनके माध्यम से तैयारी को सम्पूर्णता देते हैं
– अध्ययन में छूटी कमियां पूरी हो जाती हैं
सर ने बताया कि तैयारी के दौरान उक्त तीनों बिन्दुओं का विशेष ध्यान रखें। यह आपके समय को बचाएँगे और आपके सफल होने की सम्भावना बढ़ जाएगी। आशा करता हूँ कि आज की चर्चा आपकी सफलता में सहायक होगी।